Brahm khunti
Open 24 hours
जानें, क्या है ब्रह्म खूंटी
ऐसा माना जाता है कि बिठूर में गंगा नदी किनारे स्थित ब्रह्म खूंटी ही संपूर्ण विश्व का केंद्र बिंदु है, इस बात कई मनीषी और विदेशी वैज्ञानिक भी प्रमाणित कर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर मान्यता है कि ब्रह्मा जी ने बिठूर में इसी स्थान पर बैठकर सृष्टि की रचना की थी। उन्होंने इसी स्थान पर 99 यज्ञ किए थे, जिससे राजा मनु की उत्पत्ति हुई थी। उनका आधा शरीर पुरुष और आधा स्त्री का था। ब्रह्मा जी ने स्त्री को अलग कर रानी शकुंतला नाम दिया और फिर उन्हें सृष्टि रचना का आदेश दिया।
एक किवदंती यह भी है कि यज्ञ खत्म होने के बाद ब्रह्मा जी जाने को हुए तो उनके दाहिने पैर की खड़ाऊं धरती में धंस गई। खड़ाऊं पाताल में चला गया लेकिन अंगूठे और अंगुली के बीच कील धरती के ऊपर रह गई। जाते समय ब्रह्माजी ने कहा कि आने वाले समय में खूंटी विख्यात होगी।
खूंटी का डूबना देता अच्छी बारिश का संकेत
बुजुर्गों का मानना है कि बारिश के समय खूंटी का गंगा नदी में डूबना अच्छी बारिश का संकेत देता है। वहीं कुछ पंडितों का कहना है कि जिस तरह प्रयागराज में गंगाजी बड़े हनुमान जी का स्नान प्रतिवर्ष जरूर कराती हैं, ठीक उसी तरह ब्रह्म खूंटी को भी मां गंगा स्पर्श जरूर करती हैं। इस बार भी गंगा मइया का पानी ब्रह्मा जी की खूंटी तक पहुंच गया है। सीढिय़ों तक गंगा जल आने से अब श्रद्धालु खूंटी तक दर्शन के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं।
J77F+GV9, Fort Road Bithoor
Kanpur, 209201
Uttar Pradesh